BSEB Class 10 Sanskrit Ch 8 कर्मवीर कथा (कर्मवीर की कहानी) | Karmaveer Katha Class 10th Solution Notes

इस पोस्‍ट में हम बिहार बोर्ड कक्षा 10 संस्‍कृत के पाठ आठ ‘कर्मवीर कथा (कर्मवीर की कहानी)(Karmaveer Katha Class 10th Solution Notes)’ के Book solution को पढ़ेंगे।

8. कर्मवीर कथा (कर्मवीर की कहानी)
कर्मवीर- परिश्रमी, कर्तव्य में वीर, कर्मवान

पाठ परिचय

यह पाठ दलितों के गांव में रहने वाले एक पुरुष की कहानी बताता है। इसके बावजूद कि उसने निर्धनता और दलित जाति में जन्म लिया है, उसमें उत्साह और इच्छाशक्ति की बहुत तीव्र कामना होती है। इसके कारण वह अपने कर्मबल से उच्च पद पर पहुंचता है। यह कहानी युवाओं में आत्मविश्वास और आत्मसम्मान को जगाती है और विजय के रथ को सफलता की ओर अग्रसर करती है। इस प्रकार के कर्मवीर हमारे आदर्श होते हैं जो उत्साह से सभी कामों में लगते हैं और समाज में सर्वत्र सम्मान प्राप्त करते हैं।

भारत के बिहार राज्य में दुर्गम क्षेत्र में भीखनटोला नामक एक गाँव है। वहाँ बहुत से गरीब और शिक्षाहीन लोग अत्यंत कठिनाई से जीवन जीते हैं। उनमें से एक परिवार गाँव से दूर कुटिये में रहता है। कुटिया तो झोपड़ी टूटी जैसी होती है जो उन्हें सिर्फ धूप से बचाती है, वर्षा से नहीं। इस परिवार में एक छोटी बेटी और दो वयस्क हैं। इसलिए, उन्होंने गांव से एक मील दूर प्राथमिक विद्यालय स्थापित किया। वहाँ एक नया, सामाजिक और सामरस्यपूर्ण शिक्षक आया। एक दिन, वह भीखनटोला गाँव गया था और वहाँ एक दलित बच्चा खेल रहा था। उसके शानदार स्वभाव ने उसे प्रभावित किया था।

उस परिवार में स्वयं घर का मालिक, उसकी पत्नी, उसका पुत्र और छोटी बेटी थीं। उस गांव से सिर्फ एक कोश दूरी पर सरकार द्वारा स्थापित प्राथमिक विद्यालय था। वहाँ आने वाले एक नए विचार वाले सामाजिक समरसता के पक्षधार शिक्षक भीखनटोला पहुँचे, उन्होंने खेल में मग्न एक प्रमिभ सम्पन्न दलित बालक को देखा और उससे प्रभावित हुए।

शिक्षक ने उस बालक को अपने विद्यालय में ले आकर शिक्षा देना शुरू किया। उस बालक को उनकी शिक्षा से बहुत प्रसन्नता मिली और उसने जीवन का असली धन मानते हुए श्रमपूर्वक अध्ययन करना शुरू कर दिया। उसके इस प्रयास से वह उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए तत्पर हुआ और अपनी मेहनत से परीक्षाओं में प्रथम स्थान हासिल कर लिया।

छात्राओं की पढ़ाई तपस्या है” इसीलिए एक बालक जिसे अपने विद्यागुरु ने बार-बार उपदेश दिया, और जिसके पिता धनहीन होने के बावजूद छात्रवृति के सहारे माध्यमिक परीक्षा पास करने के बाद नगर के महाविद्यालय में प्रवेश करने का मौका मिला। वहाँ भी उसे अपने शिक्षकों का प्रिय बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वह हमेशा पुस्तकालय और अपनी कक्षा में सावधानीपूर्वक मन से पढ़ाई में लगा रहा और समय का नष्ट नहीं करता था।

महाविद्यालय के पुस्तकालय में अनेक प्रकार के विषयों की पुस्तकें स्वयं देखकर रखी गई हैं। वहाँ से स्नातक परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करके महाविद्यालय की ख्याति बढ़ी। विश्वविद्यालय के परिसर में और नगर में रामप्रवेश राम शब्द सुनाई देता था। पिता नहीं जानते हुए भी विद्यार्थी के कारण उन्हें प्रसिद्धि मिली।

यह व्यक्ति वर्ष के अंत में केन्द्रीय लोक सेवा की परीक्षा में अपनी मेहनत और व्यापक ज्ञान के कारण उत्तम स्थान प्राप्त कर लिया। साक्षात्कार में, समिति के सदस्यों को उनके व्यापक ज्ञान, आर्थिक स्थिति और कठोर परिश्रम के आधार पर सभी खुश थे। उन्होंने ऐसे परिवार और परिवेश में श्रम किया था जिससे उन्हें बड़ी प्रीति मिली थी।

वर्तमान में रामप्रवेश राम के प्रतिष्ठा का स्थान प्रदेश में और केंद्र सरकार में बहुत ऊँचा है। वह संकटकाल में निर्णय की क्षमता और प्रशासनिक क्षमता की भी उत्कृष्टता रखता है जिससे वह सभी के लिए आकर्षक है। यह सत्य है कि यह कर्मवीर बाधाओं से उबर कर प्रशासन क्षेत्र में लोकप्रिय हो गया है। जैसा कि कहा जाता है, एक परिश्रमी व्यक्ति ही लक्ष्मी की प्राप्ति करता है।

Karmaveer Katha Class 10th

लघु-उत्तरीय प्रश्नोषत्तर (20-30 शब्दोंन में) ____दो अंक स्ततरीय

प्रश्‍न 1. कर्मवीरकथा का पाँच वाक्यों में परिचय दें।
उत्तर- इस टेक्स्ट में एक महान पुरुषार्थी की कहानी है, जो निर्धन और दलित जाति में जन्मे थे लेकिन उनमें उच्च इच्छा शक्ति और उन्नति की उत्कट कामना थी जिसके कारण वह उच्चतम स्थानों तक पहुंच गया। यह कहानी युवाओं में आत्मविश्वास और स्वाभिमान का विकास करती है और विजय की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। ऐसे कर्मवीर हमारे आदर्श होते हैं।

प्रश्‍न 2. रामप्रवेशराम का चरित्र-चित्रण करें।
अथवा, रामप्रवेशराम की जीवनी पर प्रकाश डालें।
अथवा, कर्मवीर कौन था? उनकी सफलता की कहानी पाँच वाक्यों में लिखें।
उत्तर- रामप्रवेशराम ‘कर्मवीरकथा’ का मुख्य किरदार हैं। इनका जन्म बिहार राज्य में भीखनटोला में हुआ था। रामप्रवेशराम कभी खेलों में भी शामिल होते थे और अध्यापक के साथ समय बिताने से विद्या अध्ययन करने लगे। उन्होंने गुरु का आशीर्वाद प्राप्त किया और मेहनत करते हुए सफलता पाई। धन की कमी के बावजूद भी, वे अपने अध्ययन को जारी रखते रहे। वे विद्यालय स्तर से लेकर प्रतियोगिता परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करते रहे। केन्द्रीय लोकसेवा आयोग की परीक्षा में उन्होंने उत्तीर्ण होते हुए समाज को अपना आदर्श प्रस्तुत कर दिया। उनकी प्रशासन क्षमता और संकट के समय में उनकी निर्णायक क्षमता सभी को आकर्षित करती हैं।

प्रश्‍न 3. कर्मवीरकथा से हमें क्या शिक्षा मिलती है? (2014A)
अथवा, कर्मवीरकथा’ से क्या शिक्षा मिलती है? (2018A)
उत्तर- शब्द ‘कर्मवीर’ से स्पष्ट होता है कि कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो अपनी निष्ठा, उद्यम, सेवाभाव आदि गुणों के द्वारा उत्तम पद को हासिल करेगा। इस विषय में यहाँ एक ऐसे कर्मवीर की चर्चा हो रही है जो अपने दुःखद जीवन के बीच भी संतुलित शिक्षक से जुड़ता है और अनेक बाधाओं का सामना करते हुए शीर्ष पद पर पहुंचता है। मनुष्य के उत्साह, निष्ठा, सच्चाई आदि गुण ही उसे सफलता के सीढ़ियों पर ले जाते हैं। इसलिए, हमें भी उत्साही होना चाहिए, दृढ़ निश्चय और अन्य गुणों का आधार बनाकर सदा सत्कर्म करना चाहिए।

प्रश्‍न 3. कर्मवीरकथा से हमें क्या शिक्षा मिलती है? (2014A)
अथवा, कर्मवीरकथा’ से क्या शिक्षा मिलती है? (2018A)
उत्तर- कर्मवीर शब्द से ही पता चलता है कि कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो अपनी निष्ठा, उद्यम, सेवाभाव आदि की मदद से उत्तम स्थान पर पहुँचा होगा। इस लेख में एक ऐसे कर्मवीर की चर्चा हुई है जो अपने अभावग्रस्त जीवन-यापन के बावजूद स्नेहिल शिक्षक के संरक्षण में रहकर विभिन्न मुश्किलों से लड़ता हुआ एक दिन उच्च स्थान पर पहुँचता है। इंसान का उत्साह, निष्ठा, सच्चाई आदि गुण उसे सफलता की उचाईयों पर ले जाते हैं। इसलिए, हमें भी उत्साहपूर्ण, दृढ़ निश्चय आदि के सत्कर्मों के आधार पर बने रहना चाहिए।

प्रश्‍न 4. रामप्रवेशराम की चारित्रिक विशेषताएँ क्या थी? (2018C)
उत्तर- रामप्रवेश राम, कर्मवीरकथा का मुख्य पात्र, एक दलित लेकिन लगनशील और परिश्रमी बच्चा है। वह अपने गुरु के संग विद्यालय में अध्ययन करते हुए लगन से काम करता था। गुरु के आशीर्वाद और मेहनत से वह सफलता की सीढ़ी पर चढ़ता गया। वह धन की कमी के बावजूद भी अध्ययन करता रहा और अपनी मेहनत से विद्यालय और महाविद्यालय की परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करता रहा। उसने केन्द्रीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा में भी उत्तीर्ण होते हुए समाज को आदर्श प्रस्तुत किया। उसकी प्रशासनिक क्षमता और संकटकाल में निर्णय लेने की कुशलता उसके सभी के ध्यान को आकर्षित करती है।

प्रश्‍न 4. रामप्रवेशराम की चारित्रिक विशेाषताएँ क्या थी? (2018C)
उत्तर- रामप्रवेश राम, उत्तर-कर्मवीरकथा का प्रमुख पात्र हैं। वे एक दलित होने के बावजूद बहुत लगनशील और परिश्रमी बालक हैं। गुरु के सानिध्य में उनका विद्याध्ययन बढ़ गया और उन्हें आशीर्वाद और मेहनत से सफलता की सीढ़ी चढ़ने में मदद मिली। वे धन की कमी के बावजूद भी अध्ययनरत रहे और विद्यालय और महाविद्यालय की परीक्षाओं में प्रथम स्थान हासिल किया। उन्होंने केन्द्रीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करके समाज के समक्ष आदर्श का उदाहरण प्रस्तुत किया। उनकी प्रशासनिक क्षमता और संकटकाल में निर्णय लेने की कुशलता सबके ध्यान को आकर्षित करती है।

प्रश्‍न 5. रामप्रवेशका जन्म कहाँ हुआ था? उन्होंने देश की सेवा से कैसे यश अर्जित की? (2016A)
उत्तर- रामप्रवेश राम ने भीखनटोला नामक गांव में जन्म लिया था। उन्होंने अपनी प्रशासनिक क्षमता और संकट के समय निर्णय लेने की कुशलता से देश की सेवा करते हुए यश प्राप्त किया।

प्रश्‍न 6. रामप्रवेश राम किस प्रकार केंद्रीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सफल हुआ?
उत्तर- रामप्रवेशराम एक कर्मवीर और गरीब छात्र थे। उन्होंने कठिन जीवन के बावजूद अपनी अध्ययन की आवश्यकताओं को पूरा किया था। उन्होंने पुस्तकालयों में अध्ययन किया और केंद्रीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में सबसे ऊंची स्थान प्राप्त किया था।

प्रश्‍न 7. रामप्रवेशराम की प्रारंभिक शिक्षा के विषय में आप क्या जानते हैं?
उत्तर- रामप्रवेशराम एक दलित बालक थे जो भीखनटोला गाँव में रहते थे। एक शिक्षक ने उसे शिक्षा देने का अवसर दिया और उसे अपने विद्यालय में ले जाकर उसे शिक्षा देना शुरू किया। रामप्रवेशराम शिक्षक की शिक्षणशैली से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने शिक्षा को अपने जीवन का प्राथमिक उद्देश्य माना। उन्होंने रात-दिन मेहनत की और अपने वर्ग में पहले स्थान प्राप्त कर लिया। 

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8. कर्मवीर कथा (कर्मवीर की कहानी) Objective Questions

प्रश्‍न 1. दलित ग्रामवासी पुरूष की कथा कौन है ?
(A) कर्मवीर कथा   
(B) अलस कथा
(C) व्याघ्रपथिक कथा
(D) विश्वशांति

उत्तर- (A) कर्मवीर कथा

प्रश्‍न 2. ‘उद्योगिनं पुरुषसिंहमुपैति लक्ष्मीः‘ यह उक्ति किस पाठ से संकलित है ?                              
(A) कर्मवीर कथा    
(B) व्याघ्र पथिक कथा
(C) भारतीय संस्काराः
(D) भारत महिमा

उत्तर-(A) कर्मवीर कथा

प्रश्‍न 3. कर्मवीर रामप्रवेश राम के परिवार के सदस्यों की कुल संख्या कितनी थी ?                    
(A) चार     
(B) छह
(C) आठ    
(D) दस

उत्तर- (A) चार

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प्रश्‍न 4. ‘कर्मवीरकथा‘ समाज के किस वर्ग की कथा है ?
(A) धनी  
(B) दलित
(C) कुलीन  
(D) अल्पसंख्यक

उत्तर- (B) दलित

प्रश्‍न 5. भीखनटोला किस प्रांत में है ?
(A) बिहार      
(B) उत्तर प्रदेश
(C) मध्य प्रदेश
(D) राजस्थान

उत्तर- (A) बिहार

प्रश्‍न 6. भिखन टोला देखने कौन आये ?
(A) शिक्षक   
(B) राजनेता
(C) छात्र      
(D) धार्मिक नेता

उत्तर- (A) शिक्षक

प्रश्‍न 7. लक्ष्मी किस प्रकार के व्यक्ति के पास आती है ?
(A) बलवान के पास 
(B) ज्ञानवान के पास
(C) धूर्त के पास      
(D) उद्योगी के पास

उत्तर- (D) उद्योगी के पास

प्रश्‍न 8. कर्मवीर कौन है ?
(A) रामप्रवेश राम  
(B) जीतन राम
(C) बलराम         
(D) जय राम

उत्तर- (A) रामप्रवेश राम

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